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कच्ची घानी और अन्य सरसों तेल में अंतर
दुनिया भर में भारतीय भोजन अपने अनूठे स्वाद और सुगंध के लिए जाना जाता है। बहुत से लोग मानते हैं कि हल्दी, इलायची, लाल मिर्च और इमली जैसे मसाले अनूठे स्वाद के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि उच्च गुणवत्ता और शुद्धता वाला खाना पकाने का तेल भी स्वाद और खुशबू को बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देता है।
सरसों का तेल आपको लगभग हर भारतीय रसोई में मिल जाएगा। हालाँकि, कई लोगों को कच्ची घानी (कोल्ड-प्रेस्ड) और अन्य सरसों तेल के बीच अंतर के बारे में पता नहीं होता।
इस ब्लॉग में चलिए कच्ची घानी और अन्य सरसों तेल में अंतर को जानते हैं, ताकि आप अपनी रसोई के लिए हर बार सबसे अच्छा सरसों का तेल चुनें और अपने परिवार की सेहत का ख्याल रख सकें।
कच्ची घानी सरसों का तेल | सामान्य सरसों का तेल |
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कम तापमान में दाब | हॉट प्रेस्ड (रासायनिक निस्पंदन) |
प्राकृतिक पोषक तत्वों से भरपूर | पोषक तत्व खो देता है |
काले रंग का | पीले रंग का |
ज़्यादातर एशियाई देशों में उपयोग किया जाता है | आमतौर पर पश्चिमी देशों में उपयोग किया जाता है |
ज्यादा झांझ (पंजेंसी) पाया जाता | कम झांझ या फिर झांझ नहीं पाया जाता |
कोल्ड प्रेस और हॉट प्रेस :
किसी भी बीज से तेल निकालने के सिर्फ दो ही तरीके हैं, पहला कोल्ड प्रेस और दूसरा हॉट प्रेस। पहले प्रोसेस में कम तापमान पर तेल निकालना जाता है और दूसरे प्रोसेस में उच्च तापमान पर तेल निकालने के साथ-साथ रसायनों का भी उपयोग किया जाता है।
'कच्ची घानी' को अंग्रेजी में 'कोल्ड प्रेस' कहते हैं; इस प्रक्रिया में तेल अपने स्वाद, बनावट और रंग से समझौता किए बिना अपने सभी पोषक तत्वों को बरकरार रखता है। इसमें झांझ भी ज्यादा होता है, जो इसकी शुद्धता का पहचान है। इसके गहरे रंग के कारण इसे काली सरसों का तेल भी कहा जाता है। इसलिए एक प्रामाणिक कोल्ड-प्रेस्ड तेल की पहचान करने के लिए, आपको पीली सरसों के तेल के बजाय काली सरसों के तेल की तलाश करनी चाहिए।
दोनों के बीच एक और दिलचस्प अंतर यह है कि इन दोनों तेलों की उत्पत्ति अलग-अलग क्षेत्रों में हुई है। काली सरसों के तेल की उत्पत्ति मध्य पूर्व क्षेत्र, मुख्य रूप से एशियाई देशों में और पीले सरसों के तेल की उत्पत्ति पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र, विशेषकर अमेरिका में हुई।
स्वास्थ्य पर प्रभाव:
एक सर्वे के अनुसार खराब खान-पान की आदतें उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों की शुरुआत का एक मुख्य कारण हैं। खराब भोजन में रिफाइंड तेल और ट्रांस फैट होता है, जो अक्सर शरीर में पोषक तत्वों की कमी का कारण बनता है और गैर संचारी रोगों को ट्रिगर करता है। कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल रिफाइंड तेलों के मुकाबले एक स्वस्थ विकल्प है, क्योंकि यह अपने पोषक तत्वों को बरकरार रखता है। और इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी- इंफ्लेमेटरी गुण भरपूर होते हैं। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड जैसे कुछ आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियमित करने में मदद करते हैं और हृदय रोगों का खतरा कम होता है। इसलिए कच्ची घानी सरसों के तेल के स्वास्थ्य लाभों को उठाने के लिए इसमें खाना ज़रूर पकाएं।
यदि कोई तेल उच्च तापमान पर निकाला जाता है, तो यह स्वाद को निष्क्रिय कर देता है और इसकी सुगंध खो देता है। इसका दाम भी कच्ची घानी सरसों तेल की तुलना में कम होता है। ये मुख्य कारण हैं कि साधारण या पीली सरसों के तेल जैसे तेलों का उपयोग आमतौर पर कई स्ट्रीट और फास्ट फूड में किया जाता है। हालाँकि, इस प्रक्रिया के बारे में सबसे खराब बात यह है कि यह इन तेलों में प्राकृतिक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं और ट्रांस वसा ज्यादा होता है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है।
विभिन्न व्यंजनों या पकवानों में उपयोग:
इन दोनों तेलों का इस्तेमाल आमतौर पर अलग-अलग व्यंजनों में किया जाता है। उदाहरण के लिए, कोल्ड-प्रेस्ड सरसों का तेल आमतौर पर दाल, सब्जी, करी, अचार और चटनी जैसे पारंपरिक व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। इसकी तीखी खुशबू खाने के स्वाद को बढ़ाती है। इसके विपरीत हॉट-प्रेस्ड सरसों का तेल आमतौर पर फास्ट फूड और मेयोनेज़, फिंगर चिप्स और सलाद ड्रेसिंग जैसे पश्चिमी व्यंजनों में उपयोग किया जाता है। कोल्ड-प्रेस्ड तेल सामान्य तेल की तुलना में बेहतर होता है क्योंकि इसमें उच्च धूम्र बिंदु होता है। यह अपने पोषक मूल्य को खोए बिना उच्च तापमान का सामना कर सकता है।
उपलब्धता और किफ़ायती:
बाजार में साधारण सरसों के तेल की मांग और आपूर्ति ज्यादा है क्योंकि यह सस्ता है। वहीं उच्च गुणवत्ता वाला कोल्ड प्रेस्ड (कच्ची घनी) सरसों का तेल सामान्य सरसों के तेल की तुलना में महंगा है, क्योंकि इसका प्रोडक्शन कॉस्ट ज्यादा है। हालाँकि बैल कोल्हू जैसे कुछ ब्रांड कच्ची घनी तेल को किफायती दरों पर बाज़ार में उपलब्ध कराते हैं। ताकि आप अपने भोजन से सभी लाभ और पोषक तत्व प्राप्त कर सकें।
निष्कर्ष:
ये दोनों तेल सरसों के बीज से बनाए जाते हैं, लेकिन जो चीज इन्हें अलग बनाती है वह है उत्पादन प्रक्रिया, पोषक तत्व और झांझ। यदि आप एक स्वस्थ खाना पकाने के तेल का विकल्प चाहते हैं, तो आपको प्राकृतिक कच्ची घानी सरसों का तेल ही खरीदना चाहिए। जिसे कोल्ड प्रेस्ड और काली सरसों के तेल के रूप में भी जाना जाता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप पारंपरिक या पश्चिमी भोजन पकाना चाहते हैं; यह तेल आपके पोषण और स्वाद को बढ़ाएगा।